
एक सुबह आप उठें और मोबाइल नंबर बंद हो तो कैसे लगेगा. मत बताइए सबको पता है. जोर का झटका जोर से लगेगा. ऐसा ही हुआ तमिलनाडु में एक शख्स के साथ. मोबाइल कंपनी ने बिना कोई कारण बताए नंबर बंद किया. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम का नुकसान सिर्फ उस ग्राहक का नहीं हुआ. अब नुकसान उस टेलीकॉम कंपनी को भी हुआ जिसे अब उस शख्स को जुर्माने के तौर पर 60,000 रुपये देने होंगे.
मामला तामिलनाडु की कुड्डालोर जिले का है. यहां के केआर पूर्णानन ने कमीशन को बताया कि नेटवर्क ऑपरेटर ने उनका नंबर बिना किसी कारण के बंद कर दिया और किसी दूसरे यूजर को जारी कर दिया. शिकायतकर्ता ने कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशल कमीशन को यह भी बताया कि सिम कार्ड ब्लॉक होने की वजह से उसके सारे कॉन्टैक्ट भी उड़ गए.
ग्राहक को मिलेंगे 60,000 रुपये
ग्राहक की शिकायत को सही पाए जाने पर कंज्यूमर कमीशन ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशल कमीशन ने मोबाइल नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर को आदेश दिया है कि वो ग्राहक को बिना आगाह किए सर्विस बंद करने के लिए 25,000 रुपये मुआवजा दे. इसके अलावा सिम कार्ड के कॉन्टैक्ट्स खोने और पूरे प्रकरण के वजह से हुई मानसिक पीड़ा के लिए 30,000 रुपये का भुगतान किया जाए. और अंत में कानूनी कार्रवाई में हुए खर्चे के लिए 5,000 रुपये भुगतान किया जाए. इस तरह से टेलीकॉम कंपनी शिकायतकर्ता को कुल 60000 रुपये का भुगतान करेगी. जुर्माने की राशि को 2 महीने के भीतर देने का आदेश है. अगर टेलीकॉम ऑपरेटर ऐसा करने में नाकाम हुआ तो मुआवजे की रकम पर हर साल 9 प्रतिशत का ब्याज देना होगा.
ये है TRAI की गाइडलाइंस
अब सवाल उठता है कि मोबाइन नंबर बंद करने के लिए नियम क्या हैं और टेलीकॉम कंपनी से गलती कहां हुई. Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) की गाइडलाइंस के मुताबिक, टेलीकॉम ऑपरेटर किसी भी यूजर का नंबर तब ही बंद कर सकते हैं, जब ग्राहक ने अपने मोबाइल नंबर से पिछले 90 दिनों से कोई कॉल नहीं किया हो. अकाउंट बैलेंस 20 रुपये से कम हो. इसके बाद नंबर बंद करने से पहले टेलीकॉम ऑपरेटर को 15 दिनों का ग्रेस पीरियड अलग से देना पड़ेगा. इस दौरान कंपनी को बार बार ग्राहक को इस बारे में चेताना भी होगा. फिर 15 दिन पूरे हो जाने के बाद कंपनी को नंबर को ब्लॉक कर सकती है या किसी और ग्राहक को अलॉट कर सकती है.