आजतक की खबर के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने बुधवार 22 जून की सुबह दूसरी बार एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की थी, लेकिन बात बनी नहीं.

बात करने से ही बात बनती है…’
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को फोन करके शायद कुछ ऐसा ही कहा होगा. लेकिन सामने से शिंदे का जवाब आया.
‘बहुत देर कर दी हुज़ूर आते आते.’
सरकार बचाने की जुगत में जुटे सीएम उद्धव ठाकरे ने बुधवार 22 जून को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. लेकिन मीटिंग से ठीक पहले उन्होंने एकनाथ शिंदे भी को दूसरी बार फोन किया था.
उद्धव शायद हर आखिरी कोशिश कर लेना चाहते होंगे कि सरकार बच जाए. लेकिन शिंदे ने फोन पर सीएम को फिर रुसवा कर दिया. आजतक की खबर के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिंदे को फोन पर अपने इस्तीफे तक की पेशकश कर दी.
ये भी कह दिया कि वो मुख्यमंत्री का बंगला ‘वर्षा’ खाली कर देंगे. और शिंदे आकर वहां रहें. लेकिन शिंदे ने उद्धव की एक बात नहीं सुनी.रिपोर्ट के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने उद्धव से कहा,
इस्तीफा देना हो या नहीं ये आपका निर्णय है क्योंकि अब देर हो चुकी है. समय बीत चुका है
इस पूरे सियासी उलटफेर के बीच उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच फोन पर हुई ये दूसरी बातचीत थी. इससे पहले मंगलवार 21 जून को भी खबर आई थी कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई है.
बताया गया था कि सूरत पहुंचे शिवसेना के नेताओं ने शिंदे की उद्धव से बात कराई थी. तब शिंदे ने सीएम से एनसीपी-कांग्रेस का साथ छेड़ बीजेपी से मिलकर सरकार बनाने की मांग की थी. लेकिन उद्धव से ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था.
फिर बुधवार की सुबह बात हुई जिसमें उद्धव ने शिंदे के सामने इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उन्होंने गोलमोल जवाब देकर टाल दिया.
फिर शाम होते होते उद्धव ने शिवसेना कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित किया. ये संदेश दे दिया कि वो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. हालांकि उद्धव ने कहा कि अगर उनके विधायक कहेंगे तो वो इस्तीफा देंगे,
लेकिन उनके विधायकों ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं. हालांकि अटकलें हैं कि उद्धव ठाकरे जल्दी ही अपने सरकारी आवास को छोड़कर मातोश्री जाने वाले हैं. इस आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वे इस्तीफा देने वाले हैं.
बहरहाल, उद्धव के संबोधन में एक बात गौर करने वाली थी. उन्होंने एक बार भी एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया. बता दें कि शिवसेना के सीनियर नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे पार्टी से बगावत कर के गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे हुए है.
वो कल कुछ विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले गए थे. जहां से बीती रात विधायकों के साथ गुवाहाटी चले गए. मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि गुवाहाटी में पार्टी के कुल 35 विधायक मौजूद हैं. लेकिन शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है.
उद्धव के बयान के बाद शिंदे ने दिया जबाब कहा अब महाराष्ट्र के हित में अब फैसला करने की जरूरत
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का ट्वीट आया है जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे के संबोधन के बाद जवाब दिया है. ट्वीट में उन्होंने एमवीए सरकार से शिवसेना को हुए नुकसान के बारे में बताया है.
महाराष्ट्र के राजनीतिक भूचाल में बुधवार 22 जून को दो बड़े डेवलपमेंट हुए. राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने लोगों और शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे सीएम पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं.
उद्धव ठाकरे के इस बयान कुछ देर बाद शिवसेना के बागी नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे का ट्वीट आया है. इसे उद्धव ठाकरे के संबोधन के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. ट्वीट में एकनाथ शिंदे ने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार से शिवसेना को नुकसान हुआ, लिहाजा अब कुछ निर्णायक करने की जरूरत है.
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट में पॉइंट्स देकर लिखा,
1. पिछले ढाई सालों में एमवीए सरकार ने केवल घटक दलों (कांग्रेस-एनसीपी) को फायदा पहुंचाया है और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ.
2. इससे घटक दल मजबूत हो रहे हैं, शिवसेना का व्यवस्थित रूप से गबन किया जा रहा है.
3. पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना जरूरी है.
4. महाराष्ट्र के हित में अब निर्णय लेने की जरूरत है.
१. गेल्या अडीच वर्षात म.वि.आ. सरकारचा फायदा फक्त घटक पक्षांना झाला,आणि शिवसैनिक भरडला गेला.
२. घटक पक्ष मजबूत होत असताना शिवसैनिकांचे – शिवसेनेचे मात्र पद्धतशीर खच्चीकरण होत आहे. #HindutvaForever
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 22, 2022
३. पक्ष आणि शिवसैनिक टिकविण्यासाठी अनैसर्गिक आघाडीतून बाहेर पडणे अत्यावश्यक.
४. महाराष्ट्रहितासाठी आता निर्णय घेणे गरजेचे.#HindutvaForever
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 22, 2022
इसके साथ ही एकनाथ शिंदे ने अपने ट्वीट में #HindutvaForever हैशटैग का इस्तेमाल भी किया है.
उद्धव क्या बोले?
शिंदे से पहले महाराष्ट्र के सीएम ने महाराष्ट्र की जनता और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. बुधवार 22 जून की शाम को एक यूट्यूब लाइव के ज़रिए उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में हुई उथल-पुथल पर अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री के साथ पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हैं. लेकिन उसके लिए एक शर्त है.
उद्धव ठाकरे ने कहा
ये बात सच है कि मैं अपनी सर्जरी और ख़राब स्वास्थ्य की स्थिति की वजह से पिछले कुछ महीनों में लोगों से नहीं मिल सका हूं. लेकिन मैंने अब लोगों से मिलना शुरू कर दिया है.
मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं, मेरी कोई मजबूरी नहीं है, मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं. मैं ये नहीं जानना चाहता कि हमारे विधायकों के साथ क्या हो रहा है और वे कहां जा रहे हैं या उन्हें कहां ले जाया जा रहा है.
अगर कोई विधायक चाहता है कि मैं मुख्यमंत्री ना रहूं तो मैं ‘वर्षा’ (मुख्यमंत्री आवास) से मातोश्री जाने के लिए तैयार हूं. लेकिन जब मेरे विधायक ही ऐसा नहीं चाहते तो मैं क्या कर सकता हूं.
इस बीच बीजेपी की भी प्रतिक्रिया आई. महाराष्ट्र के संकट पर केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि ये सब शिवसेना का अंदरूनी मामला है, इस सबसे बीजेपी का कुछ भी लेना-देना नहीं है.
दानवे ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बनाने का कोई दावा नहीं कर रही है, और ना ही उनकी किसी भी तरह की कोई बात एकनाथ शिंदे से हुई है. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि ये सरकार खुद ही गिरेगी
सिंदे ने पूरा दबाव बनाया है की उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे। अभी उद्धव ठाकरे मुखयमंत्री आवास छोड़ के निकल चुके है