
आज नॉएडा सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक का ट्विन टावर को 3700 किलोग्राम बारूद की सहायता से जामीणोध्वस्त कर दिया गया , और भारत के सर्वोच्च अदालत के द्वारा दिया गए आदेश का पालन किया गया ,
लेकिन ये इतना बड़ा ट्विन टावर को रातो रात तो नहीं बनाया गया होगा कहीं न कहीं नॉएडा की डेवेलोपमेंट अथॉरिटी को भी कटघरे में रखना चाहिए ,सुपरटेक ने अपने प्रोजेक्ट को नॉएडा डेवेलोपमेंट अथॉरिटी से अप्रूवल के बाद ही सोसाइटी बनाने का परमिशन मिला होगा तो फिर जब ये अप्प्रोवेल के मानक के विपरीत जब ट्विन टावर बनने लगा तो क्या नॉएडा डेवेलोपमेंट अथॉरिटी क्या सो रही थी ये बड़ा सवाल है ,
आखिर 32 मंजिला टावर के साथ 30 मंजिला की दोनों ईमारत क्या रातो रात बन गया ?
आखिर जब सोसाइटी के लोगो ने अपनी आपत्ति दर्ज की तो क्या एक्शन हुआ ?
सुप्रीम कोर्ट को आखिर क्यों ये फैसला करना पड़ा ?
ये जो आज ध्वस्त करने के दौरान कई घंटे का यातायात बंद करना , इतना हानिकारक प्रदुषण फैलाना , अगल बगल के कई किलोमीटर के लोगो की सेहत के साथ खिलवाड़ करना ये कहा तक सही है ,
इस ध्वस्तीकरण में भी कई करोडो का खर्च हुआ , साथ के साथ आज के वैल्यू के हिसाब से 800 करोड़ रूपये का सुपरटेक को भी हुआ।
आखिर आजादी के 75 साल के अमृत महोस्तव मानाने के बाद भी हमारा देश का सिस्टम आखिर कब तक भ्रस्टाचार की नींद में सोया रहेगा।।
Written By Manoj Verma